शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

हे परमेश्वर!

हे परमेश्वर!

तुम  मेरी श्रधा का मान हो 
सद कर्म  का वरदान हो  
बाल मुख  का अप्रतिम तेज  हो 
माँ की ममता हो 
पिता की क्षमता भी हो


सूर्य  की गर्मी हो 
चंदा की नरमी भी हो 
यह आकाश , यह धरती,
यह ज्वाला तपती 
सब तुम  हो
हर हार पर 
जीतने का विश्वास  तुम  हो 
हर आंसूं के बाद की मुस्कान हो
हर जगह हर समय 
बस  तुम  हो 
तुम  ही तुम  हो...

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