परिचय - शब्द, भाव और मैं

कहते हैं जीवन  में सुखी रहने के लिए जिस  कार्य  के प्रति आपका चाव है, आपका जूनून  है, उसे ही अपने जीवन यापन  का, रोज़ी रोटी का साधन  बनायें । पर जीवन  की आप धापी में कभी तो हम  यह जान  नहीं पाते की आखिर हमारा जूनून  है क्या ? या कभी खुशकिस्मत  हुए और जान  भी गए तो समय  के अभाव में और  ज़िन्दगी की रेलम पेल  में दूसरी चीज़ें - समाज , परिवार , आकांक्षाएं -आपकीप्राथमिकता सूची  पर पहले आ धमकती हैं फिर यह सोचने का समय  किस के पास  है कि क्या आपकी चाहत है और क्या जूनून ? फिर तो बस  एक  ही चीज़  है - ज़रुरत  और जुगत  कि  रोटी मिल  जाये बस  दो जून ।

खैर, लिखना मेरा प्रेम  है और यह ब्लॉग  उसी दिशा में  एक छोटा सा कदम है । इस से पहले भी मैं कई ब्लॉग पर  लिखता रहा हूँ  पर फिर मुझे लगा की क्यों न  कुछ  सिर्फ अपनी हिंदी भाषा के लिए  किया  जाए। आप  कितनी ही दुनिया घूम  ले , कितनी ही भाषाएँ सीख  ले किन्तु जो बात आप अपनी मातृभाषा  में कह सकते हैं, महसूस  कर सकते हैं वो शायद  किसी और भाषा में संभव नहीं है , चाहे आप उसमें कितने ही निपुण  क्यों न  हो जाएँ।

यह ब्लोग  मेरा मेरी भाषा से जुड़े रहने का एक  छोटा सा प्रयत्न मात्र है । यह मेरा सौभाग्य है की मैं  इस  ब्लॉग  द्वारा आप तक  पहुँच  सका हूँ किन्तु कुछ  एक  बातें हैं जो मैं आप से बांटना चाहता हूँ -

पहली, यह ब्लॉग  केवल  आप से संवाद का माध्यम  है । वाद-विवाद किसी भी वार्तालाप का तड़का होता है और मैं भी  उसका आनंद लेने को सदैव तत्पर हूँ  किन्तु भाषा का भी भद्र एवं शिष्ट होना अनिवार्य  है  । अत: आप से मेरा विनम्र  निवेदन  है कि वार्तालाप  को शिष्टता व भद्रता की परिधि में रखें ।

एक  और बात , यदि आप ब्लॉग  में कोई भाषा या मात्रा की त्रुटी पाते हैं तो मैं क्षमा प्रार्थी हूँ । कृपया ई-मेल  व अपनी प्रतिक्रियाओं द्वारा मुझे सूचित  करें , मैं उन्हें दूर करने का भरसक  प्रयत्न करूँगा ।

हाँ बीच  बीच  में मुझे अंग्रेजी में लिखने का भूत  भी सवार होता है तो कुछ  रचनाएँ आप को अंग्रेजी की भी मिलेंगी क्योंकि जहाँ मैं अपनी  माँ ( हिंदी ) से प्रेम  करता हूँ  वहीँ अपनी मासी (अंग्रेजी ) का आदर भी ।

आशा है आप  मेरी लेखनी पसंद करेंगे .....

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