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परिचय - शब्द, भाव और मैं
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2013
कुछ दूर चलो
कुछ दूर चलो
हम घूम आए ,
बारी - बारी ,
साथ गए तो
यहाँ चुप होगी
नहीं गए तो
शोर बहुत
चल कुछ दूर यूँही
बस घूम आएं
बारी - बारी।
शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2013
एक छोटी सी राम कहानी...
एक था राम | एक था रावण | दोनों टकराये, शायद रूहें बदल गयी | राम की रूह रावण के साथ मर गयी और रावण की रूह राम में जिंदा रही | सीता पहले भी अपमानित हुई और बाद में भी |
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