मंगलवार, 15 अक्टूबर 2013
शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2013
एक छोटी सी राम कहानी...
एक था राम | एक था रावण | दोनों टकराये, शायद रूहें बदल गयी | राम की रूह रावण के
साथ मर गयी और रावण की रूह राम में जिंदा रही | सीता पहले भी अपमानित हुई और बाद
में भी |
गुरुवार, 19 सितंबर 2013
आरना के पहले जन्मदिन पर
साढ़े आठ मोती जब
तेरी हँसी से झाँकते है
सवेरा घुटनों पे चल के
मेरी गोद में आता है ।
रब्ब और क़रीब लगता है
उसकी आरती जब लोरी बन
तेरी नींदों के कैनवस पर
ख़्वाबों को बुनती है
"माँ करें दिन रात सेवा,
पर बाप-बेटी आपस में चमचे हैं"
'उजा' की झूठी जलन के ताने
अब गीतों से लगते हैं
माँ की ममता के अफ़साने
जबसे जगरातों में देखें हैं ।
राक्षस की जान नन्हे से तोते में
ऐसी कहानियों पे यक़ीं नहीं था मुझको
पर जब से तू आई है 'आरना'
'इजे' को कहानी का यक़ीं आ गया है ।
हसीं तेरी जब रूह का शर्बत बनती है
डबडबाई आँखे जब कलेजे को छनती है
राक्षस की जान नन्हे से तोते में
ख़ुद-ब्-खुद यक़ीं आ जाता है
सवेरा आजकल ख़ुद घुटनों पे
चल के मेरी गोद में आता है ।
गुरुवार, 22 अगस्त 2013
मंगलवार, 16 जुलाई 2013
शुक्रवार, 10 मई 2013
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