आज Valentine's के दिन
मोबाइल में तेरी तस्वीर
कहती है कि इस दूरी, उदासी
में भी इक उम्मीद है
रिस-रिस कर बहती नमकीन ज़िन्दगी
में भी कोई कतरा है जो अमृत है
गुप मुरझाये अंधियारे में भी
तेरी मुस्कराहट से कुछ रोशनी है
बंजर वीरानो में भी खनक तेरी आवाज़ की
अक्सर मिसरी घोलती है
खुश्क हवाओं में एहसास है
कि खुशबु तेरी से कोई कोना अब भी महकता है
अभी बस आहटें हैं, एहसास हैं, अन्देसे हैं...
और बस इंतज़ार है.. बस इंतज़ार है....