बुधवार, 30 जुलाई 2014

सिक्के



जेब में पलछिन्नो के,
कुछ अठन्नी भर सिक्के रखे हैं,
कुछ कच्चे, कुछ पक्के,
कुछ दुक्कियाँ, कुछ इक्के रखे हैं,
यह सिक्के मैं तुझ तक पहुँचाऊँ कैसे,
कमबख़्त फ़ासला बहुत है, 
पल भर में उड़ कर आऊँ कैसे !


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